Bindas Club
Monday, October 3, 2016
Sunday, October 2, 2016
lal bahadur shastri best quotes hindi
लालबहादुर शास्त्री के अनमोल वचन
लालबहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर शास्त्रीजी के विचार-
जय जवान जय किसान
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है. और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है.
लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है.
आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे ज़रूरी हैं, और यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ें.
हम अपने देश के लिए आज़ादी चाहते हैं, पर दूसरों का शोषण कर के नहीं , ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखा कर….मैं अपने देश की आजादी ऐसे चाहता हूँ कि अन्य देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सकें , और मेरे देश के
संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें.
संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें.
आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है . पूरे देश को मजबूत होना होगा.
हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में उसी समर्पण , उसी उत्साह, और उसी संकल्प के साथ काम करना होगा जो रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है. और यह सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना है.
मेरी समझ से प्रशाशन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके.
जो शाशन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशाशन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंततः , जनता ही मुखिया होती है.
विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनों का प्रावधान करने से नहीं मिलती, बल्कि यह समस्याओं और उद्दश्यों को बुद्धिमानी और सतर्कता से चुनने से मिलती है.और सबसे बढ़कर जो चीज चाहिए वो है निरंतर कठोर परिश्रम समर्पण की.
यदि मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते. मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा. लेकिन यह मेरा नीजी मामला है. राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है. राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष कल्याण , स्वास्थ्य , संचार, विदेशी संबंधो, मुद्रा इत्यादि का ध्यान रखेगा ,लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं. वो सबका निजी मामला है.
हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो ज़रूरी काम हैं उनमे लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है.
भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है, लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूँ कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ संकल्प के साथ नहीं निपटते तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल होंगे.
यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं.
मेरे विचार से पूरे देश के लिए एक संपर्क भाषा का होना आवश्यक है, अन्यथा इसका तात्पर्य यह होगा कि भाषा के आधार पर देश का विभाजन हो जाएगा। एक प्रकार से एकता छिन्न-भिन्न हो जाएगी........ भाषा एक ऐसा सशक्त बल है, एक ऐसा कारक है जो हमें और हमारे देश को एकजुट करता है। यह क्षमता हिन्दी में है।
जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है........... हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।
हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है। अपने देश में सबके लिए स्वतंत्रता और संपन्नता के साथ समाजवादी लोकतंत्र की स्थापना और अन्य सभी देशों के साथ विश्व शांति और मित्रता का संबंध रखना।
मुझे ग्रामीण क्षेत्रों, गांवों में, एक मामूली कार्यकर्ता के रूप में लगभग पचास वर्ष तक कार्य करना पड़ा है, इसलिए मेरा ध्यान स्वतः ही उन लोगों की ओर तथा उन क्षेत्रों के हालात पर चला जाता है। मेरे दिमाग में यह बात आती है कि सर्वप्रथम उन लोगों को राहत दी जाए। हर रोज, हर समय मैं यही सोचता हूं कि उन्हें किस प्रकार से राहत पहुंचाई जाए।
यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तथा शत्रुता होती रहेगी तो हमारी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। परस्पर लड़ने की बजाय हमें गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए। दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान हैं। उन्हें लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।
Saturday, October 1, 2016
Why army man have small hair cut
चलिए आज हम आपको इस सवाल का उत्तर देते हैं कि सैनिकों के बाल हमेशा छोटे ही क्यों होते हैं..
यह बात तो हम सब जानते हैं कि सैनिकों को अपने रणभूमि में ही अधिक से अधिक समय व्यतीत करना पड़ता है। युद्ध के दौरान उन्हें सिर पर हेलमेट और कई प्रकार के गैजेट्स भी पहनने पड़ते हैं जिसकी वजह से लंबे बाल तकलीफ़ का कारण बन सकते है। गर्मी भी न लगे इसलिए उनके बालों को छोटा रखा जाता है ताकि वह गैजेट या हेलमेट से इरिटेट न हों।
जब सैनिक बंदूक से निशाना लगाते हैं तो इसके लिए बहुत धैर्य की ज़रूरत पड़ती है और निशाना लगाते वक्त बाल एक बाधा बन सकते हैं इसीलिए बालों को छोटा रखा जाता है। बाल अगर बड़े होंगे तो हो सकता है कि निशाना लगाते वक्त बाल आंखों के सामने आ जाएं। बालों के बन्दूक में गिर जाने से बंदूक भी खराब हो सकती है एक कारण यह भी है बाल छोटे रखने का।
यह माना जाता है कि छोटे बाल बहुत जल्द ही सूख जाते हैं और सैनिकों को कई बार नदी-नाले और बारिशों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण लंबे बालों की वजह से सर्दी जुकाम की चपेट में आ सकते हैं लेकिन छोटे बाल रहने पर वह इन खतरों से बचे रहते हैं। ख़ैर बाल छोटे हों या बड़े पर असली खतरों के खिलाड़ी तो हमारी सेना ही है। हां एक और बात इनकी हेयर स्टाइल अच्छी लगती है। है न!
यह बात तो हम सब जानते हैं कि सैनिकों को अपने रणभूमि में ही अधिक से अधिक समय व्यतीत करना पड़ता है। युद्ध के दौरान उन्हें सिर पर हेलमेट और कई प्रकार के गैजेट्स भी पहनने पड़ते हैं जिसकी वजह से लंबे बाल तकलीफ़ का कारण बन सकते है। गर्मी भी न लगे इसलिए उनके बालों को छोटा रखा जाता है ताकि वह गैजेट या हेलमेट से इरिटेट न हों।
जब सैनिक बंदूक से निशाना लगाते हैं तो इसके लिए बहुत धैर्य की ज़रूरत पड़ती है और निशाना लगाते वक्त बाल एक बाधा बन सकते हैं इसीलिए बालों को छोटा रखा जाता है। बाल अगर बड़े होंगे तो हो सकता है कि निशाना लगाते वक्त बाल आंखों के सामने आ जाएं। बालों के बन्दूक में गिर जाने से बंदूक भी खराब हो सकती है एक कारण यह भी है बाल छोटे रखने का।
यह माना जाता है कि छोटे बाल बहुत जल्द ही सूख जाते हैं और सैनिकों को कई बार नदी-नाले और बारिशों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण लंबे बालों की वजह से सर्दी जुकाम की चपेट में आ सकते हैं लेकिन छोटे बाल रहने पर वह इन खतरों से बचे रहते हैं। ख़ैर बाल छोटे हों या बड़े पर असली खतरों के खिलाड़ी तो हमारी सेना ही है। हां एक और बात इनकी हेयर स्टाइल अच्छी लगती है। है न!
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